Essay on Republic Day in Hindi

Essay on Republic Day in Hindi:- आज के लेख में हम भारत के महत्वपूर्ण पर्वों में से एक, गणतंत्र दिवस पर विस्तार पूर्वक चर्चा करेंगे। गणतंत्र दिवस भारत के तीन महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पर्वों में से एक है, इसलिए सभी को इस विषय के बारे में सम्पूर्ण जानकारी होनी चाहिए। आशा करते हैं कि हमारा यह लेख इस विषय की अतिरिक्त जानकारी हासिल करने में आपकी सहायता करेगा।

Table of Contents

प्रस्तावना

गणतंत्र दिवस भारत के सबसे महत्वपूर्ण तीन राष्ट्रीय पर्वों (गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस और गाँधी जयंती) में से एक है, यही कारण है कि इसे हर जाति तथा संप्रदाय द्वारा काफी सम्मान और उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस विशेष दिन को देश भर में काफी धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। 26 जनवरी के दिन मनाये जाने वाले गणतंत्र दिवस के पर्व पर पूरे देश भर में परेड तथा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
भारतीय गणतंत्र दिवस सभी भारतीयों के लिए बहुत ही खास अवसर होता है, क्योंकि यह दिन हमें अपने देश में स्थापित गणतंत्र और संविधान के महत्व समझाता है। अतः यह और भी आवश्यक हो जाता है कि इस विशेष दिन को हम उचित सम्मान दें और इसे साथ मिलकर मनाये, ताकि हमारे देश की एकता और अखंडता जिसके लिए कई वीरों ने अपने प्राणों की आहुति दी है, इसी प्रकार से बनी रहे।

गणतंत्र का अर्थ

सभी अधिकारों का रक्षक अपना यह गणतंत्र पर्व है,
लोकतंत्र ही मंत्र हमारा हम सबको इस पर ही गर्व है।।

गणतंत्र को लोकतंत्र, जनतंत्र व प्रजातंत्र भी कहते हैं, जिसका अर्थ है – प्रजा का राज्य या प्रजा का शासन। जिस दिन देश का संविधान लागू हुआ था, उसी दिन के महत्त्व को समझते हुए उसी दिन को गणतंत्र दिवस कहा गया। हमारे देश का संविधान 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ था, इसीलिए इस तारीख को ही गणतंत्र दिवस कहा गया।
सन् 1946 से संविधान बनाना शुरू हो गया था और दिसम्बर सन् 1949 में बनकर तैयार हो गया था। इस संविधान को 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया था। तभी से हर साल 26 जनवरी, हमारे देश में गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।

गणतंत्र दिवस मनाने का कारण

जब भारत के आज़ाद होने के बाद भी भारत पर किसी और देश का संविधान लागू था, और सभी उसी के आधार पर शासन चला रहे थे। लेकिन देश के कुछ महान लोगों को आभास हुआ की देश की प्रगति के लिए अपना सविधान होना अति आवश्यक है। अतः कुछ महान विद्वानों की देख रेख में भारत का अपना संविधान लिखा गया और 26 जनवरी, 1950 से इसे लागू किया गया।
केवल सविधान को लागू करना  26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाने का एकमात्र कारण नहीं है। हालांकि इसके अलावा इस दिन का एक और इतिहास भी है, जिसे शायद बहुत कम लोग जानते हैं, इस दिन, लाहौर में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में पंडित नेहरु की अध्यक्षता में कांग्रेस द्वारा इस बात की घोषणा की गई थी कि यदि 26 जनवरी 1930 तक भारत को स्वायत्त शासन अर्थात स्व-शासित राज्य (Dominion State) नहीं बनाया गया तो इसके बाद भारत अपने आप को पूर्णतः स्वतंत्र मान लेगा।
लेकिन, जब यह दिन आया और अंग्रेजी सरकार द्वारा इस मुद्दे पर कोई जवाब नही दिया गया तो कांग्रेस ने उस दिन से पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्ति के लक्ष्य से अपना सक्रिय आंदोलन आरंभ कर दिया। यही कारण है कि जब हमारा देश आजाद हुआ तो 26 जनवरी का दिन ही संविधान स्थापना के लिए चुना गया। और फिर गणतंत्र दिवस के लिए भी इसी दिन का चुनाव हुआ।

गणतंत्र दिवस का इतिहास

भारतीय गणतंत्र दिवस का इतिहास बहुत ही रोचक है, इसकी शुरुआत तब हुई, जब सन् 1929 में लाहौर में पंडित जवाहर लाल नेहरु की अध्यक्षता में हुए काग्रेंस अधिवेशन के दौरान यह प्रस्ताव पारित किया गया कि यदि 26 जनवरी 1930 तक अंग्रेजी सरकार भारत को ‘डोमीनियन स्टेटस’ नही प्रदान करती तो भारत अपने आप को पूर्णतः स्वतंत्र घोषित कर देगा।
तब कांग्रेस ने पहली बार पूर्ण स्वराज की मांग रखी थी। इसके बाद जब 26 जनवरी 1930 तक अंग्रेजी हुकूमत ने कांग्रेस के इस मांग का कोई जवाब नही दिया। तो उस दिन से कांग्रेस ने पूर्ण स्वतंत्रता के निश्चय के लिए अपना संक्रिय आंदोलन आरंभ कर दिया।
तभी से हर साल 26 जनवरी को स्वाधीनता दिवस मनाया जाता था लेकिन 15 अगस्त, 1947 को देश के स्वतंत्र होने की वजह से 15 अगस्त को ही स्वाधीनता दिवस के रूप में मनाया जाने लगा था। लेकिन भारत सरकार 26 जनवरी की गरिमा को बनाये रखना चाहती थी, इसलिए 26 जनवरी, 1950 को संविधान लागू करने का निश्चय किया और फिर इस दिन हमारे देश में ‘भारत सरकार  ने अधिनियम’को हटाकर भारत के संविधान को लागू किया, तब से इसी के उपलक्ष्य में हमारे देश के संविधान और गणतंत्र को सम्मान प्रदान करने के लिए हर वर्ष 26 जनवरी के दिन गणतंत्र दिवस का कार्यक्रम मनाया जाता है

भारत का राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस

वीर शहीदों ने देखा था जो सपना वो सच कर दिखाएंगे,
ऐसे हम स्वाभिमान से गणतंत्र दिवस मनाएंगे।।

गणतंत्र दिवस भारत के तीन राष्ट्रीय पर्वों में से एक है और यह कोई साधारण दिन नही है, यह वह दिन है जब हम कह सकते थे कि अब हमारा भारत देश पूर्ण रूप से स्वतंत्रता प्राप्त कर चूका है क्योंकि भले ही भारत 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र हो गया था, लेकिन उसे हम पूर्ण स्वतंत्रता नहीं कह सकते थे क्योंकि उस समय भी हमारे देश में अंग्रेजों द्वारा बनाया गया ‘भारत सरकार अधिनियम’लागू था।
परन्तु जब 26 जनवरी 1950 के दिन ‘भारत सरकार अधिनियम’को हटाकर भारत के नवनिर्मित संविधान को लागू किया गया, तब हम अपने भारत को पूर्ण स्वतन्त्र कह सके। इसलिए 26 जनवरी के इस दिन की गरिमा को ध्यान में रख कर 26 जनवरी को भारत में गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
इस दिन पूरे देश भर में राष्ट्रीय अवकाश रहता है, यहीं कारण है कि विद्यालय तथा कार्यलय जैसे कई जगहों पर इसके कार्यक्रम को एक दिन पहले ही मनाया जाता है। इस दिन विद्यालयों में मिठाइयों को बाँटने के साथ-साथ कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किये जाते हैं, जिससे इस दिन के इतिहास और महत्तव को आज की पीढ़ी तक आसानी से पहुँचाया जा सके। गणतंत्र दिवस का यह दिन एक ऐसा दिन होता है, जो हमें हमारे देश के संविधान का महत्त्व समझाता है, यही कारण है कि इस दिन को पूरे देश भर में इतने धूम-धाम से मनाया जाता है।

गणतंत्र दिवस के रोचक तथ्य

(i) इस दिन, पहली बार 26 जनवरी 1930 में पूर्ण स्वराज का कार्यक्रम मनाया गया। जिसमें अंग्रेजी हुकूमत से भारत को पूर्ण आजादी दिलाने के लिए शपत ली गई थी।
(ii) गणतंत्र दिवस परेड के दौरान, एक क्रिस्चियन ध्वनि बजाई जाती है, जिसका नाम “अबाईड वीथ मी” है क्योंकि यह ध्वनि महात्म गांधी की प्रिय ध्वनियों में से एक है।
(iii) भारत के पहले गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो थे।
(iv) गणतंत्र दिवस समारोह का राजपथ में पहली बार आयोजन वर्ष 1955 में किया गया था।
(v) भारतीय गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान भारत के राष्ट्रपति को 31 तोपों की सलामी दी जाती है।
(vi) इस बार 26 जनवरी, 2019 को पहली बार शंखनाद से समारोह का आगाज़ किया गया।

उपसंहार

गणतंत्र दिवस का यह राष्ट्रीय पर्व हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि हमारे देश का संविधान तथा इसका गणतांत्रिक स्वरुप ही हमारे देश को कश्मीर से कन्याकुमारी तक जोड़ने का कार्य करता है। भारत की आजादी के साथ-साथ संविधान का होना बहुत ही जरूरी था। स्वतंत्रता सेनानियों का त्याग, उनके कठोर संघर्ष को हमें कभी नहीं भूलना चाहिए। हमारी आजादी के लिए उन्होने बहुत सी परेशानियों को सहा है।
यह वह दिन है जब हमारा देश विश्व मानचित्र पे एक गणतांत्रिक देश के रुप में स्थापित हुआ था। इसके साथ ही यह वह दिन भी है जब भारत अपने सामरिक शक्ति का प्रदर्शन करता है, जो किसी को आतंकित करने के लिए नही अपितु इस बात का संदेश देने के लिए होता है कि हम अपनी रक्षा करने में सक्षम हैं। 26 जनवरी हमारे देश के लिए एक ऐतहासिक पर्व है इसलिए हमें पूरे जोश तथा सम्मान के साथ इस पर्व को मनाना चाहिए।

सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा,
हम बुलबुले हैं इसके ये गुलसिता हमारा।।

गणतंत्र दिवस पर निबंध 2023 (250 शब्द) | Essay on Republic Day in Hindi 250 Words | Gantantra Divas par Nibandh Hindi mein

Essay on Republic Day in Hindi
Soldiers march during India’s Republic Day parade in New Delhi, India

प्रस्तावना

हर साल 26 जनवरी को भारत अपना गणतंत्र दिवस मनाता है क्योंकि इसी दिन भारत का संविधान लागू हुआ था। इसे हम सभी राष्ट्रीय पर्व के रुप में मनाते है और इस दिन को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया है।

इसके अलावा गाँधी जयंती और स्वतंत्रता दिवस को भी राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया है। भारतीय संसद में भारत के संविधान के लागू होते ही हमारा देश पूरी तरह से लोकतांत्रिक गणराज्य बन गया।

भव्य कार्यक्रम

इस महान दिन पर भारतीय सेना द्वारा भव्य परेड किया जाता है जो सामान्यत: विजय चौक से शुरु होकर इंडिया गेट पर खत्म होता है। इस दौरान तीनों भारतीय सेनाओं (थल, जल, और नभ) द्वारा राष्ट्रपति को सलामी दी जाती है, साथ ही सेना द्वारा अत्याधुनिक हथियारों और टैंकों का प्रदर्शन भी किया जाता है, जो हमारे राष्ट्रीय शक्ति का प्रतीक है। आर्मी परेड के बाद देश के सभी राज्यों द्वारा झाँकियों के माध्यम से अपने संस्कृति और परंपरा की प्रस्तुति की जाती है। इसके बाद, भारतीय वायु सेना द्वारा हमारे राष्ट्रीय झंडे के रंगों (केसरिया, सफेद, और हरा) की तरह आसमान से फूलों की बारिश की जाती है।

गणतंत्र दिवस का इतिहास

आजादी के बाद एक ड्राफ्टिंग कमेटी को 28 अगस्त 1947 की मीटिंग में भारत के स्थायी संविधान का प्रारुप तैयार करने को कहा गया। 4 नवंबर 1947 को डॉ बी.आर.अंबेडकर की अध्यक्षता में भारतीय संविधान के प्रारुप को सदन में रखा गया। 2 वर्ष 11 महीने और 18 दिन में संविधान बनकर तैयार हुआ। आखिरकार इंतजार की घड़ी 26 जनवरी 1950 को इसको लागू होने के साथ ही खत्म हुई। साथ ही पूर्णं स्वराज की प्रतिज्ञा का भी सम्मान हुआ।

उपसंहार

इस दिन स्कूल-कॉलेजों में भी विद्यार्थी परेड, खेल, नाटक, भाषण, नृत्य, गायन, निबंध लेखन, सामाजिक अभियानों में मदद के द्वारा, स्वतंत्रता सेनानियों के किरदार निभा कर आदि, बहुत सारी क्रियाओं द्वारा इस उत्सव को मनाते है। इस दिन हर भारतीय को अपने देश को शांतिपूर्णं और विकसित बनाने के लिये प्रतिज्ञा करनी चाहिये। अंत में हर विद्यार्थी मिठाई और नमकीन लेकर खुशी-खुशी अपने घर को रवाना हो जाता है।

गणतंत्र दिवस पर निबंध 2023 (500 शब्द) | Essay on Republic Day in Hindi 500 Words | Gantantra Divas par Nibandh Hindi mein

Essay on Republic Day in Hindi

अंग्रेजों ने हमारे देश पर कई वर्षों तक शासन किया और हम भारतीयों को उनके द्वारा बनाए गए कानूनों का पालन करना पड़ता है। हमारे देश के सैनिकों ने उनके द्वारा बनाए गए कानूनों से छुटकारा पाने के लिए कई कदम उठाए। सैनिकों ने हमारे देश को 15 अगस्त 1947 को आजाद कराया। भयंकर संघर्ष। जब हमारे देश को ब्रिटिश शासकों द्वारा स्वतंत्र किया गया था, तब अपना कानून बनाना आवश्यक था। भारतीय संविधान को स्थापित करने में 2 साल, 11 महीने और 18 दिन लगे। संविधान 28 अगस्त 1947 को पेश किया गया था और 26 पर लागू हुआ था। जनवरी 1950।

तब से हमारे देश को लोकतंत्र घोषित किया गया है। तब से, हमने 26 जनवरी को इस दिन को राष्ट्रीय अवकाश के रूप में मनाना शुरू कर दिया है। इस दिन सभी को बहुत खुशी होती है। बच्चे, बूढ़े और वयस्क सभी इस दिन को बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं। दिल्ली में जवानों ने परेड की है।इस परेड में हमारी नौसेना, वायुसेना और नौसेना ने हिस्सा लिया है।

इस दिन हमारे सभी स्कूलों और कॉलेजों में परेड, नृत्य, गीत और भाषण दिए जाते हैं।इस दिन स्कूल के सभी बच्चे जो अच्छे कर्म करते हैं और पुरस्कार जीतते हैं। उस दिन उन्हें यह पुरस्कार दिया जाता है। वीर चक्र परम वीर चक्र जैसे सम्माननीय पुरस्कार लोगों को दिए जाते हैं। इस दिन हमारे देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री और हमारी राजधानी दिल्ली में मौजूद अन्य सभी नेता झंडा फहराते हैं।

इस दिन हम सभी के लिए राष्ट्रीय अवकाश होता है। स्कूलों और कॉलेजों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले बच्चों को पुरस्कार दिए जाते हैं। स्कूलों में परेड भी आयोजित की जाती हैं। स्कूली बच्चे इस दिन का इंतजार कर रहे हैं क्योंकि उन्हें इस दिन लड्डू दिया गया था। बहुत खुश। इस राष्ट्रीय पर्व को मनाने के लिए पहले दिन सभी हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई एक साथ आते हैं।इस दिन हम सभी उन सैनिकों को याद करते हैं जिन्होंने हमारे देश को आजाद कराने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी।

गणतंत्र दिवस भारत के लोगों के लिए एक विशेष दिन है क्योंकि हम सभी को अपनी मर्जी से जीने की आजादी है। लोग उनके जीवन में आए, फिर हमें यह दिन देखने को मिला। इसलिए हम सभी इस दिन को उनके बलिदानों को याद करने के लिए मनाते हैं।

आज ही के दिन 26 जनवरी 1950 को हमारे देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने 21 तोपों को सलामी दी और झंडा फहराया और हमारे भारत को पूर्ण गणराज्य घोषित किया। इस दिन, हमारे राष्ट्रपति अपने संबोधन के साथ भारत को संबोधित करते हैं और तिरंगे की सलामी के साथ राष्ट्रगान किया जाता है।

यह सब काम भारत की राजधानी में किया गया है, क्योंकि साथ ही यह हमारे राज्य भवन और लाल किले जितना महान है। इस दिन भारत के सभी सम्मानित पुरुषों और महिलाओं को आमंत्रित किया जाता है और विदेशों के सम्मानित लोगों को भी आमंत्रित किया जाता है या हम सभी इस त्योहार को बहुत उत्साह के साथ मनाते हैं क्योंकि यह दिन हम सभी को हमारी आजादी की खुशी लेकर आया है।

निष्कर्ष

दोस्तों अभी हमने आप को इस ब्लॉग में बताया, republic day essay in hindi। अगर आप अन्य किसी विषय पर निबंध चाहते है तो उसके लिए हमें कॉमेंट करे। republic day essay in hindi यह विषय कैसा लगा इसके बारे में भी कॉमेंट करे।

गणतंत्र दिवस पर निबंध 600 शब्द | Essay on Republic Day in Hindi 600 Words | Gantantra Divas par Nibandh Hindi mein

Essay on Republic Day in Hindi

प्रस्तावना

26 जनवरी को मनाया जाने वाला भारतीय गणतंत्र दिवस वह दिन है, जब इसी दिन सन् 1950 में हमारे देश का संविधान प्रभाव में आया। गणतंत्र दिवस का दिन भारत के तीन राष्ट्रीय पर्वों में से एक है, यहीं कारण है कि इसे हर जाति तथा संप्रदाय द्वारा काफी सम्मान और उत्साह के साथ मनाया जाता है।

गणतंत्र दिवस क्यों मनाते हैं?

गणतंत्र दिवस मनाने का मुख्य कारण यह है कि इस दिन हमारे देश का संविधान प्रभाव में आया था। हालांकि इसके अलावा इस दिन का एक और इतिहास भी है, जोकि काफी रोचक है। इसकी शुरुआत दिसंबर 1929 में लाहौर में पंडित नेहरु के अध्यक्षता में संपन्न हुई भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन से हुई थी। जिसमें कांग्रेस द्वारा इस बात की घोषणा की गई की यदि 26 जनवरी 1930 तक भारत को स्वायत्त शासन (डोमीनियन स्टेटस) नही प्रदान किया गया तो इसके बाद भारत अपने आप को पूर्णतः स्वतंत्र घोषित कर देगा, लेकिन जब यह दिन आया और अंग्रेजी सरकार द्वारा इस मुद्दे पर कोई जवाब नही दिया गया तो कांग्रेस ने उस दिन से पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्ति के लक्ष्य से अपना सक्रिय आंदोलन आरंभ कर दिया। यहीं कारण है कि जब हमारा भारत देश आजाद हुआ तो 26 जनवरी के दिन के इस दिन संविधान स्थापना के लिए चुना गया।

भारत का राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस

गणतंत्र दिवस कोई साधरण दिन नही है, यह वह दिन है जब हमारे भारत देश को पूर्ण रूप से स्वतंत्रता की प्राप्ति हुई क्योंकि भले ही भारत 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र हो गया था, लेकिन यह पूर्ण रुप से स्वतंत्र तब हुआ जब 26 जनवरी 1950 के दिन ‘भारत सरकार अधिनियम’ को हटाकर भारत के नवनिर्मित संविधान को लागू किया गया। इसलिए उस दिन से 26 जनवरी के इस दिन को भारत में गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। यह भारत के तीन राष्ट्रीय पर्वों में से एक है इसके अलावा अन्य दो गांधी जयंती और स्वतंत्रता दिवस है। इस दिन पूरे देश भर में राष्ट्रीय अवकाश रहता है, यहीं कारण है कि विद्यालय तथा कार्यलय जैसे कई जगहों पर इसके कार्यक्रम को एक दिन पहले ही मनाया जाता है।

गणतंत्र दिवस से जुड़े कुछ रोचक तथ्य

नीचे भारतीय गणतंत्र दिवस से जुड़े कई सारे महत्वपूर्ण रोचक तथ्यों के विषय में चर्चा की गयी है।

  • इस दिन पहली बार 26 जनवरी 1930 में पूर्ण स्वराज का कार्यक्रम मनाया गया। जिसमें अंग्रेजी हुकूमत से पूर्ण आजादी के प्राप्ति का प्रण लिया गया था।
  • गणतंत्र दिवस परेड के दौरान एक क्रिस्चियन ध्वनि बजाई जाती है, जिसका नाम “अबाईड वीथ मी” है क्योंकि यह ध्वनि महात्म गांधी के प्रिय ध्वनियों में से एक है।
  • भारत के पहले गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो थे।
  • गणतंत्र दिवस समारोह का राजपथ में पहली बार आयोजन वर्ष 1955 में किया गया था।
  • भारतीय गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान भारत के राष्ट्रपति को 31 तोपों की सलामी दी जाती है।

गणतंत्र दिवस समारोह

हर वर्ष 26 जनवरी को नई दिल्ली के राजपथ में गणतंत्र दिवस के इस कार्यक्रम को काफी भव्य रूप से मनाया जाता है। इसके साथ ही गणतंत्र दिवस के दिन किसी विशेष विदेशी अतिथि को आमंत्रित करने की भी प्रथा रही है, कई बार इसके अंतर्गत एक से अधिक अतिथियों को भी आमंत्रित किया जाता है। इस दिन सर्वप्रथम भारत के राष्ट्रपति द्वारा तिरंगा फहराया जाता है और इसके बाद वहां मौजूद सभी लोग सामूहिक रूप से खड़े होकर राष्ट्रगान गाते हैं।

इसके पश्चात कई तरह की सांस्कृतिक और पारंपरिक झांकिया निकाली जाती हैं, जो कि देखने में काफी मनमोहक होती हैं। इसके साथ ही इस दिन का सबसे विशेष कार्यक्रम परेड का होता है, जिसे देखने के लिए लोगों में काफी उत्साह होता है। इस परेड का आरंभ प्रधानमंत्री द्वारा राजपथ पर स्थित अमर जवान ज्योति पर पुष्प डालने के पश्चात होता है। इसमें भारतीय सेना के विभिन्न रेजीमेंट, वायुसेना तथा नौसेना द्वारा हिस्सा लिया जाता है।

यह वह कार्यक्रम होता है, जिसके द्वारा भारत अपने सामरिक तथा कूटनीतिक शक्ति का भी प्रदर्शन करता है और विश्व को यह संदेश देता है कि हम अपने रक्षा में सक्षम है। 2018 के गणतंत्र दिवस समारोह में एक साथ कई सारे मुख्य अतिथियों को आमंत्रित किया गया था। इस कार्यक्रम सभी आसियान देशों के के प्रमुखों को आमंत्रित किया गया था। गणतंत्र दिवस समारोह का यह कार्यक्रम भारत की विदेश नीती के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि इस कार्यक्रम में आमंत्रित किये गये विभिन्न देशों के मुख्य अतिथियों के आगमन से भारत को इन देशों से संबंधों को बढ़ाने का मौका मिलता है।

निष्कर्ष

गणतंत्र दिवस हमारे देश के तीन राष्ट्रीय पर्वों में से एक है, यह वह दिन है जो हमें हमारा गणतंत्र के महत्व का अहसास कराता है। यहीं कारण है कि इसे पूरे देश भर में इतने जोश तथा उत्साह के साथ मनाया जाता है। इसके साथ ही यह वह दिन भी है जब भारत अपने सामरिक शक्ति का प्रदर्शन करता है, जोकि किसी को आतंकित करने के लिए नही अपितु इस बात का संदेश देने के लिए होता है कि हम अपनी रक्षा करने में सक्षम है। 26 जनवरी के यह दिन हमारे देश के लिए एक ऐतहासिक पर्व है इसलिए हमें पूरे जोश तथा सम्मान के साथ इस पर्व को मनाना चाहिए।

FAQs: Frequently Asked Questions on Republic Day (गणतंत्र दिवस पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

प्रश्न 1- गणतंत्र दिवस पर सबसे अधिक सम्मान भारत के किस महापुरुष को दिया जाता है?

उत्तर- भारतीय संविधान के निर्माता बाबा साहब डा. भीम राव अम्बेडकर जी को।

प्रश्न 2- गणतंत्र दिवस की परेड के दौरान कौन सा क्रिश्चियन गाना बजाया जाता है?

उत्तर- महात्मा गांधी के पसंदीदा गानों में से एक गाना “Abide with Me” को बजाया जाता है।

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By Topper

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