Colour of 7 Chakras & Meaning

प्रकृति की तरह हमारे शरीर में भी होते हैं Colour of 7 Chakras,  इनका संतुलन बिगड़ने पर हो सकते हैं यह बड़े नुकसान

सारांस

रंगों का सिलसिला बड़ा अजीबोगरीब है, दोस्तों कुछ रंग दिखावे की होते हैं और कुछ रंग श्रृंगार के। एक बेहतरीन स्वभाव भी इंसान का श्रृंगार माना जाता है। रंगो का आकर्षण, हमें वस्तु को खरीदने के लिए प्रेरित करता है। रंग के आधार पर ही वस्तु बेची और खरीदी जाती है। रंग किसी भी चीज को बेशकीमती बना देता है। और कभी कभी वस्तु की कीमत जीरो बना देती है।

रंगों को लेकर हर इंसान की पसंद अलग-अलग होती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है,कि आपकी पसंद का रंग ही आपको पसंद क्यों आया दूसरा क्यों नहीं। इसको जानने के लिए रंगों की दुनिया में थोड़ा गहराई से जाकर समझना होगा। यह अध्यात्मिक तथ्य नहीं है बल्कि एक वैज्ञानिक बात है। मनुष्य के शरीर में सात प्लेक्सेस होते हैं जिन्हें चक्र कहा जाता है। इन चक्रों का अपना क्रम होता है और इनकी स्थिति भी शरीर में अलग-अलग होती है। बहुत धार्मिक व आध्यात्मिक होने की आवश्यकता नहीं है,पर दिन भर में सतरंगी होना बहुत जरूरी है। यदि सतरंगी होने का मतलब समझ आ जाए तो किसी भी मुसीबत से लड़कर आप सफलता को हासिल कर सकते हैं। रंग कमाल की भूमिका निभाते हैं।

हम सभी दिन भर में 7 क्षेत्रों से गुजरते हैं-माता-पिता, जीवनसाथी, संतान, रिश्तेदार, मित्र, व्यवसाय क्षेत्र से जुड़े लोग और हम स्वयं। इन सात क्षेत्रों से गुजरते हुए यदि आपने रंगों को समझ कर उसका उपयोग कर लिया तो आप हर क्षेत्र में प्रसन्न रहेंगे। हमारे अंदर की जीवन ऊर्जा जिस चक्र पर होती है, वह चक्र हार्मोनल असंतुलन को प्रभावित करता है और हम वैसा महसूस करेंगे जैसा हम महसूस करना चाहते हैं। मेडिकल साइंस भी मानता है, कि प्रकृति के पंचतत्व और हमारे शरीर के पंचतत्वों का संतुलन अगर बिगड़ता है तो मान लीजिए आप बीमार होने वाले हैं। शरीर में कोई ऐसी समस्या ना हो इसलिए प्रकृति से दोस्ती बनाए रखना जरूरी है। यह सभी रंग हमारी जीवन शैली को संतुलित बनाए रखने में मददगार साबित होते हैं।

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दोस्तों हम सभी को यह बताया गया है कि Colour of 7 Chakras से अन्य दूसरे रंग बनते हैं और यही रंग हमें वास्तविक दुनियां की सीख देते है। भले ही हमें बहुत से रंग दिखाई पड़ें, लेकिन ये सात रंग लाल, नारंगी, पीला, हरा, नीला (आसमानी), बैंगनी और सुनहरा ही सभी रंगों को जन्म देते है। तो चलिए आज हम आपको इन सात रंगों के बारें में विस्तार से बताते हैं कि हमारे शरीर में सात चक्रों के साथ, इन सात रंगों की स्थिति शरीर में कहाँ है और इनका क्या योगदान है। 

Colour of 7 Chakras
Colour of 7 Chakras

1. लाल – Colour of 7 Chakras

यह रंग मूलधार मेरु के सबसे निचले हिस्से में होता है। इसका संबंध माता-पिता से होता है। माना जाता है कि हमारा सभी का जन्म भी यही से हुआ है। इतना ही नहीं हम अपने काम की शुरुआत भी यहीं से करते हैं।अगर यह चक्र सही न हो तो इंसान की पूरी जिंदगी में नकारात्मकता फ़ैल जाती है। इसलिए  काम करने के लिए साँस का सहारा लेते हैं, जिससे हमारे शरीर में एक नई ऊर्जा का प्रवाह होता रहे ।  लाल रंग यहाँ सकारत्मकता का प्रतीक  है। किसी भी काम को करने के लिए लाल रंग बहुत ही मददगार साबित होता है।  इसके द्वारा हम अपने जिंदगी में सयंम लाते है। इस बात के लिए तैयार करता है कि किसी भी हालत में नकारात्मक नहीं होना है।

2. नारंगी – Colour of 7 Chakras

नारंगी चक्र मूलधार से ऊपर होता है। इसका संबंध स्वाधिष्ठान चक्र (The Sacral Chakra) से है। इसे व्यक्ति की जीवन संगनी भी कहा जाता है। अगर आप अपने जीवनसाथी के साथ अच्छे से जिंदगी बिताना चाहते हैं , तो यह रंग आपके लिए काफी फायदेमंद है। इसका प्रमुख तत्व जल होता है,क्योंकि पानी की सबसे प्रमुख विशेषता है घुलना और घोलना। जिस दिन पति और पत्नी अपने जीवन में इस बात को उतार लेंगे उस समय से ही उनके जीवन किसी भी तरह से न तो कोई लड़ाई झगड़ा होगा न ही कोई उतार चढ़ाव। यदि यही रंग यानि इससे जुड़ा चक्र ब्लॉक हो जाता है तो आये दिन किसी न किसी बात पर लड़ाई जरूर होगी। इसलिए जितना हो सकें इस चक्र को सही रखना चाहिए।  इसका प्रयोग आप इस तरह से कर सकते है कि जब भी आपका जीवनसाथी आपके साथ हो तो उसके जिंदगी में आप नारंगी रंग घोल दें। जिसके बाद आप कुछ देर बाद ऐसा महसूस करेंगे कि जैसे दोनों पति-पत्नी जन्मों- जन्मों के लिए एक दूसरे के लिए बनें हो। 

3. पीला – Colour of 7 Chakras

यह रंग शरीर के मणिपुर नामक तीसरा चक्र में होता है।यह चक्र नाभि के मूल में स्थित होता है, इसी चक्र का रंग पीला होता है।  इसका तत्व अग्रि होता है , जो पति-पत्नी के संतान प्राप्ति के लिए लाभकारी माना जाता है।  इस चक्र के द्वारा ही हम माँ के गर्भ में आते है। जिसके कुछ समय के बाद हम पृथ्वी पर अपना पैर रखते है। इस चक्र का स्वभाव है, संतोष।  यदि यह चक्र गड़बड़ हो जाये तो जीवन में अशांति फ़ैल जाती है। मणिपुर चक्र में इस रंग के खराब होने से  किसी भी चीज को लेकर संतुष्ट महसूस नहीं करते है।  इसीलिए कई बार माता-पिता को बच्चों के प्रति, बच्चों को माता-पिता के प्रति एक असंतोष-सा रहता है। पीले रंग का उपयोग जितना अधिक करेंगे, संतोष उतना ही जल्दी और अधिक आएगा।

4. हरा – Colour of 7 Chakras

यह रंग हमारे ह्रदय से जुड़ा हुआ होता है,जो अनाहत चक्र का हिस्सा है। इसका प्रमुख तत्व है हवा या वायु। यह हमारे भाई – बहन के रिश्ते को दशार्ता है , इसलिए इसे भाई – बहन के रिश्ते का केंद्र माना जाता है। हमें किसी भी रिश्ते को निभानें के लिए अपना दिल बड़ा करना होगा। अपने माता-पिता, जीवनसाथी, बच्चों के अलावा जब आप दूसरे रिश्तों में घुलते-,मिलते है तो वह रिश्ता होता है, भाई – बहन का या फिर ससुराल पक्ष और रिश्तेदारों का।  इस रिश्ते को निभानें के लिए आपको हमेशा अपना दिल बड़ा करना होगा। कोशिश करिए जीवन में हरा रंग ऐसा उतरे कि उस हरियाली में हर रिश्ता, हर रिश्तेदार समा जाए।

इस चक्र का जो सबसे बड़ा स्वभाव है वह है लोगों में  भय ना होना। यदि आपने अपने जीवन में इस रंग पर अच्छे से काम कर लिया तो आप निर्भय हो जायँगे। आपके अंदर किसी भी तरह का कोई दर नहीं होगा। किसी भी रिश्ते को निभाने के लिए यह रंग बहुत काम में आता है।  इसलिए इसके तत्व वायु पर आप अच्छे से ध्यान दीजिये। जैसे वायु लगातार बहती है और ताज़गी प्रदान करती है, ऐसे ही रिश्तों में भी ताज़गी बनी रहेगी।

5. नीला – Colour of 7 Chakras

 दोस्तों के बिना जिंदगी अधूरी – अधूरी सी लगती है, हमारी जिंदगी में यार दोस्त होना बहुत जरुरी है। नीला रंग आसमान से जुड़ा होता है जो हमारे सबसे गहरे सम्बन्ध को दर्शता है।  इसका सम्बन्ध विशुद्ध चक्र यानी कंठ से है। आकाश हमेशा गर्जना करता है और कंठ भी ध्वनि  से जुड़ा हुआ है। आकाश में उचाई,गहराई,ध्वनि बहाव ,सबकुछ एक साथ समाया हुआ होता है। जब भी इंसान को कभी भी ईश्वर की जरुरत पड़ती है तो हम अपनी गर्दन को  उठाकर आकाश की तरफ देखते है और हमारा काम आसान दिखने लगता है।  हम जब भी भगवान से कुछ मांगते है तो हमारा भाव एक मित्र की तरह होता है।

इस चक्र की विशेषता धैर्य और सहनशीलता है । एक बात तो सच है दोस्तों,जब भी हमारे पास हमारे मित्र होते है सब काम आसान लगता है। मित्रों के रहने पर यह दो गुण  हमारे अंदर बहुत जल्द आ जाते है। अगर आपके पास भी अच्छे मित्र  हैं। तो नीले रंग का उपयोग करना न भूलें यह रंग एक-दूसरे के दिल को जोड़ने में बहुत मदद करता है। 

6. बैंगनी – Colour of 7 Chakras

बैगनी रंग हमेशा जीवन में आज्ञा चक्र का रंग मन जाता है।  इसका तत्व प्रकाश होता है,इस चक्र में वह लोग शामिल होते है,जो किसी बिजनेस या व्यवसाय से जुड़े हुए होते है। ये हमारे वरिष्ठ भी हो सकते हैं, क्लाइंट भी हो सकते हैं, इसके अलावा हमारे समकक्ष भी हो सकते हैं।कुल मिलाकर इसके द्वारा ही हम अपना पेट भरते है और यह हमारे जिंदगी को चलाने में बहुत मददगारसाबित होते हैं। लोगों के साथ अपने सम्बन्ध को हमेशा क्लियर रखना चाहिए।  क्योंकि प्रकाश का मतलब ही होता है साफ़ दिखाई पड़ना। 

आपकी जिंदगी में ऐसे बहुत से लोग आयंगे जो आपके रोजी – रोटी का ध्यान देंगे। जिन्हें पहचानना इंसान का काम होता है। हमारे पास वह शक्ति होनी चाहिए जिससे हम उन्हें पहचान सकें।  इस सम्बन्ध में न हमें किसी को ठगना है और न किसी से खुद को ठगने देना है। यह रंग आज्ञाचक्र का स्थान होता है। दोनों भौंहों के बीच और इसकी ख़ूबी या स्वभाव होता है अक्रोध। यह चक्र अगर आपके जीवन में सही हो जाएँ तो खुशियां आने से कोई नहीं रोक सकता। अगर आप  कोई बिजनेस व्यापार कर रहें है तो आपके स्वाभाव में भी क्षमा, अक्रोध, संतुलन जरूर होना चाहिए।  दोस्तों इन बातों को कभी भी आप जिंदगी में उतार कर देखिएगा आपको सबसे अच्छा यही चक्र लगेगा। जब भी आप किसी ऐसे लोग के संपर्क में आये तो एक बार इसका  प्रयोग जरूर करें। फिर आपको ऐसा लगेगा जैसे बैगनी रंग का बहाव हो रहा हो। निश्चित आप देखंगे की एक नयी तरह की ऊर्जा आएगी और आपका काम आसान हो जायेगा। 

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7. सुनहरा – Colour of 7 Chakras

सुनहरा रंग हम सभी का सबसे ज्यादा पसंदीदा रंग होता है। अंतरिक्ष तत्व से जुड़े इस रंग का संबंध है सहस्रार चक्र से। जीवन में जब हम अनेक रिश्तों को निभाते है तो उसमें सबसे प्रमुख एक रिश्ता है वह है हम स्वयं। हमें इस पूरी जिंदगी में अपने को भी जानना चाहिए। यह रंग स्वयं को जानने में बहुत अच्छा होता है। जब भी आप अकेले हों तो अपनी आखें बंद कर लें और भीतर ही भीतर पुतलियों को उठाकर अपने मस्तिष्क को देखें तो सहस्रार चक्र पर एक ग़ज़ब का प्रकाश महसूस होगा।

इसकी सबसे अच्छी खूबी होती है, दूरदर्शिता। यह रंग हमारे जीवन को चलाने के लिए एक तरह का उद्देश्य पैदा करता है। जिससे हम अपने जिंदगी को चलाते हैं और आगे बढ़ते हैं। यदि यह रंग आपके जीवन में अच्छे से घुल जाये तो आप स्वयं नहीं समझ नहीं पाएंगे की आपके साथ कितना अच्छा होने वाला है।

निष्कर्ष-

दोस्तौं यह सात रंग ही है हमारी जिंदगी को खूबसूरत बनाते है। इनके जुड़ाव से कई रंग बनते है, जिससे हमारी जिंदगी सतरंगी से बहुरंगी हो जाती है। पृथ्वी के बाहर का रंग भले ही बहुरंगी हो जाये दोस्तों लेकिन हमें अपने अंदर इन सात रंगों को जरूर समाहित रखना चाहिए। इन रंगों को अपने अंदर रखने से सभी कामों को आसान बना सकते है। दोस्तों आज के इस लेख में शरीर में मौजूद चक्रों और उनके रंगों से जुड़ी पूरी जानकारी इस लेख में आपको विस्तार से बताई गई। आज की यह जानकारी आपको कैसी लगी अगर अच्छी लगी हो तो इस पोस्ट को शेयर जरूर करें।

By Topper

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